
मैंने फौज को रोते देखा है अपने सपनों में मैंने जब पूछा तो कहा कि यादो की बौछार ने भिगो दियाए मैंने फिर पूछा कि क्या घर की यादों ने भिगोया तो बोले कि उनकी यादें तो सीमाओं की रक्षा करते समय आती.जाती रहती हैंए और सुनने में आता है कि घर कब आओगे. घर कब आओगेए तब मैंने पूछा यह कौन सी यादें हैं जो तुम्हें रुला गई तो कहा मान और सम्मान की यादेंए देश की हिफाजत के लिए मर मिटने वाले सैनिकों का अपमानए वैसे सत्य भी यही है कौन सा मान सम्मान मिलता है इन सीमा के रखवालों कोए आम आदमी के जीवन से भिन्न जीवन जीते हैं ये देश के सिपाहीए युद्ध के क्षेत्र में हमारी सेना कभी पीठ नहीं दिखाती सैनिक जो दुश्मन पर सदैव हावी रहता है हर सैनिक के जीवन में एक दीवानापन रहता है उनकी सांस का भरोसा नहींए कब मृत्यु आ जाए इसका भरोसा नहींएइनकी निश्चछता तो देखो कड़ाके की धूप और ठंडी रातों में भी अटल रहते हैं। पर इस फौज की भी कुछ जरुरतें हैं .जिनको जाने अनजाने में अनसुना कर दिया जाता है इनकी प्रमुख जरूरतों में शामिल हैं .वन रैंक वन पेंशनए सातवें वेतन आयोग सिफारिश लागू करनेए नई पेंशन स्कीम को रद्द करनेएसेना के सैनिक स्कूल की तर्ज पर देश के हर राज्य में सैनिक स्कूल खोले जानेए सैनिकों के बच्चों के लिए इंजीनियरिंग व मेडिकल कॉलेजों में दाखिला दिए जानेए अर्धसैनिक बल की शहादत पर शहीद का दर्जा देने शहीदों के परिवारों को मुआवजे के तौर पर जमीन का हिस्सा देनेए उचित नौकरी व पुनर्वास की व्यवस्था की जानी चाहिएए सीपीसी कैंटीन के बजाय सीएसडी कैंटीन के सुविधा मुहैया कराई जाएए जब सरकार विकलांग को दीव्यांगए सात आरसिआर को लोक कल्याण में तब्दील कर सकती है तो अर्धसैनिक बल को भी पूर्ण सैनिक के नाम से जाना जाएए बिल्कुल सही ज़रुरतें हैं ।
अरे जब सैनीक युद्ध के समय सीमा की रक्षा करने में भेदभाव नहीं करते तो उनके साथ यह सौतेला व्यवहार क्योंए कई बार सैनिकों ने अपनी याचिका में कहा कि उनके साथ वेतन भत्तौ. और अन्य सुविधाओं को लेकर भेदभाव किया जाता हैए एक तरफ तो देश में सैनिकों की बलिदानी का गुणगान किया जाता है दूसरी तरफ सेना के अन्य सदस्यों के मुकाबले उनके साथ दोगेले दर्जे का सुलूक किया जाता हैए हमारी सेना अपने अनुशासन और विरता के लिए जानी जाती है और उसी सेना के हिस्से में आता है भेदभाव और घटिया खानाए जो दिन.रात सीमा की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं अनेक बार उन्हीं सैनिकों के साथ उच्च अधिकारियों द्वारा गलत व्यवहार किया जाता है उच्च अधिकारियों को जहां सरकार सभी प्रकार की सुविधाओं की व्यवस्था करती है वहीं सीमा पर रात दिन पहरा देने वाला सैनिक सुविधाओं से वंचित रहता हैए अब तो एक ही बात का डर है कि कहीं युवा पीढी का सेना और देश प्रेम से मोह भंग ना हो जाए।
किसी तपस्या से कम नहीं होता सैनिकों का जीवनए एक सच्चा सैनिक अपना घर बार परिवारए दोस्तए यारों से दूर रहकर जिस निष्ठा और समर्पण के साथ अपना जीवन व्यतीत करता है उसकी दूसरी मिसाल खोजने से भी नहीं मिलती लेकिन इसके बावजूद उनके जीवन के बारे में बहुत कम लिखा पढ़ा गया है। यही कारण है कि आज भी एक सैनिक का जीवन किसी रहस्यमी गाथा से कम नहीं है। हमारे जीवन संग्राम में हर व्यक्ति का अपना एक लक्ष्य होता हैए जैसे तुम्हारा लक्ष्य होगा वैसे ही तुम्हारे कर्म होंगेए वैसा ही तुम्हारा जीवन होगाएलेकिन एक सैनिक की तरह निष्काम भाव से सदा अपना सर्वश्रेष्ठ करने वाले हर व्यक्ति के लिए जीत हमेशा सुरक्षित है पर एक सैनिक जितना कर्म करता है उतना फल उसे नहीं मिलता फिर भी लगातार कार्यरत और प्रयासरत रहता हैए मेरा सपना टूटा आंखें खुली औरअब समझ आया कि कुछ सपने हकीकत दिखा जाते हैं।